प्रज्ञानन्दा बने उजचैस शतरंज के विजेता , रैंकिंग में हुए विश्व नंबर 4 , भारत नंबर 1
भारत के आर प्रज्ञानन्दा नें एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए उजचैस कप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है , प्रज्ञानन्दा हमेशा से शानदार खिलाड़ी रहे है और यह बात उन्होने अपने खेल जीवन मे कई बार साबित की है पर अब वह वहाँ पहुँच रहे है जहां शायद उनके कदम विश्व चैंपियनशिप की तरफ तेजी से बढ़ रहे है । 2024 को अगर गुकेश का वर्ष कहा जाता है तो शतरंज की दुनिया में भारत के आर प्रज्ञानन्दा नें निश्चित तौर पर 2025 का वर्ष अभी से ही अपने नाम कर लिया है । टाटा स्टील , सुपरबेट क्लासिक और अब उजचैस का खिताब अपने नाम करते हुए फीडे कैंडिडैट 2026 में फीडे सर्किट के रास्ते अपने नाम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है । उजचैस कप के आखिरी दिन प्रज्ञानन्दा नें कमाल का खेल दिखाया और पहले क्लासिकल मुक़ाबले में अब्दुसत्तारोव को हराया और फिर टाईब्रेक में सिंदारोव और अब्दुसत्तारोव दोनों को पीछे छोड़ते हुए खिताब हासिल कर लिया । पढे यह लेख तस्वीरे : शाहिद अहमद / चैसबेस इंडिया
प्रभावशाली प्रज्ञानन्दा ! कमाल के खेल से जीता उजचैस का खिताब
उज्बेकिस्तान के ताशकंत में जब उजचैस कप का आखिरी राउंड शुरू हुआ तो खिताब के कई दावेदार थे पर अगर किसी की राह सबसे मुश्किल थी तो वो थे प्रज्ञानन्दा , लगातार दो राउंड ( 6 और 7 ) हारने के बाद प्रज्ञानदा नें अर्जुन को हराकर वापसी की थी और उनके सामने थे सबसे आगे चल रहे अब्दुसत्तारोव को अपने देश में यह खिताब जीतने की दौड़ में ना सिर्फ सबसे आगे थे बल्कि सिर्फ एक ड्रॉ उन्हे खिताब दिला सकता था ।
प्रज्ञानन्दा के सामने एक चुनौती यह भी थी की उन्हे काले मोहोरो से यह अंतिम राउंड खेलना था जिसे निश्चित तौर क्लासिकल में जीतने के लिए बेहद अनुकूल तो नहीं कहा जा सकता और खास तौर पर जब आपके सामने दुनिया का नंबर पाँच खिलाड़ी हो , खैर अंतिम राउंड में सब कुछ वैसे ही हुआ जैसे की प्रज्ञानन्दा चाहते होंगे , प्रज्ञानन्दा नें काले मोहरो से एक और कमाल की बाजी खेली , सिसिलियन ओपनिंग में अब्दुसत्तारोव नें थोड़ा खतरा उठाया और प्रज्ञानन्दा नें उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया , बड़ी किलेबंदी करना अब्दुसत्तारोव को भारी पड़ा और प्रज्ञानन्दा के जोरदार आक्रमण के सामने 49 चालों में उनको हार स्वीकार करने पर विवश कर दिया । यह जीत प्रज्ञानन्दा के लिए कई मायनों में खास थी वह इस जीत के साथ सयुंक्त पहले स्थान पर पहुँच गए थे और साथ ही देश के नंबर एक खिलाड़ी बनने के साथ दुनिया के नंबर चार भी बन गए ।
इस दौरान अर्जुन एरिगासी जो सयुंक्त पहले स्थान में लगभग पहुँच गए थे अरविंद चितांबरम से जीती बाजी नहीं जीत सके और ड्रॉ खेलते हुए ख़िताबी दौड़ से बाहर हो गए ,
परहम मघसूदलू से ड्रॉ खेलते हुए सिंदारोव अब्दुसत्तारोव और प्रज्ञानन्दा के साथ 5.5 अंक बनाते हुए सयुंक्त पहले स्थान पर पहुँच गए ।
अंतिम राउंड में वोखिदोव से हारकर नेपोमनिशी विश्व टॉप 10 से बाहर हो गए ।
टाईब्रेक !!
टाईब्रेक में सबसे पहले तीनों खिलाड़ियों को डबल राउंड रॉबिन आधार पर ब्लीट्ज़ के मुक़ाबले खेलने थे , सबसे पहले अब्दुसत्तारोव और सिंदारोव के बीच हुए मुक़ाबले में दोनों बाज़ियाँ बेनतीजा रही तो ,इसके बाद प्रज्ञानन्दा नें अब्दुसत्तारोव को पहली बाजी हराई तो दूसरी बाजी वह हार गए , इसके बाद सबकी नजरे प्रज्ञानन्दा और सिंदारोव के मुक़ाबले पर थी जो भी जीतता वह विजेता बन जाता , प्रज्ञानन्दा पहली लगभग जीती बाजी हार गए और दूसरी बाजी हार के करीब पहुँच कर खिताब से दूर जा रहे थे पर अंतिम समय में उन्होने अविश्वसनीय वापसी की और खेल जीत लिया और इसके साथ तीनों खिलाड़ी पहले टाईब्रेक के बाद 2-2 अंक बनाकर बराबरी पर थे और ऐसे में अब एक और टाईब्रेक होना था और यह 1 -1 राउंड का राउंड रॉबिन मुक़ाबला था जिसमें इस बार बाजी प्रज्ञानन्दा और अब्दुसत्तारोव के मुक़ाबले से हुई ।
दोनों के बीच बाजी बेनतीजा रही और अब नजरे थे प्रज्ञानन्दा और सिंदारोव के मुक़ाबले पर , प्रज्ञानन्दा नें काले मोहरो से खेलते हुए शानदार खेल दिखाया और सेंटर काउंटर गेंबिट में बेहतरीन एंडगेम खेल से बाजी अपने और मोड़ना सबसे खास रहे प्रज्ञानदा जीत गए और अब अब्दुसत्तारोव को हर हाल में सिंदारोव को हराना था पर सिंदारोव शानदार खेले और बाजी जीतते हुए उन्होने ना सिर्फ प्रज्ञानन्दा की ख़िताबी जीत तय कर दी बल्कि खुद भी उपविजेता बन गए और अब्दुसत्तारोव जो एक दिन पहले विजेता बनने के बस एक ड्रॉ दूर थे अब तीसरे स्थान पर रह गए ।
Final Ranking after 9 Rounds
Rk. | SNo |
| Name | FED | Rtg | Pts. | TB1 | TB2 | TB3 | TB4 | TB5 | w-we | K | rtg+/- | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | 10 | GM | 2767 | 5,5 | 2 | 25,25 | 4 | 1 | 3,5 | 0,41 | 10 | 4,1 | |||
2 | 5 | GM | 2767 | 5,5 | 0,5 | 22,50 | 4 | 0 | 3 | 0,41 | 10 | 4,1 | |||
3 | 7 | GM | 2710 | 5,5 | 0,5 | 22,25 | 3 | 1 | 3 | 1,20 | 10 | 12 | |||
4 | 9 | GM | 2782 | 5 | 0 | 21,50 | 2 | 2 | 3 | -0,29 | 10 | -2,9 | |||
5 | 3 | GM | 2691 | 4,5 | 1,5 | 20,50 | 2 | 1 | 3,5 | 0,44 | 10 | 4,4 | |||
6 | 8 | GM | 2714 | 4,5 | 1 | 18,75 | 2 | 2 | 2,5 | 0,12 | 10 | 1,2 | |||
7 | 2 | GM | 2659 | 4,5 | 0,5 | 19,50 | 2 | 1 | 2,5 | 0,89 | 10 | 8,9 | |||
8 | 6 | GM | 2644 | 4 | 0 | 16,50 | 2 | 1 | 2,5 | 0,60 | 10 | 6 | |||
9 | 4 | GM | 2757 | 3,5 | 0 | 16,00 | 0 | 0 | 3 | -1,46 | 10 | -14,6 | |||
10 | 1 | GM | 2749 | 2,5 | 0 | 11,25 | 0 | 0 | 1,5 | -2,32 | 10 | -23,2 |
क्या हुआ था राउंड 8 में पढे देवांश सिंह का लेख
उज़चेस कप 2025 के 8वें चक्र में प्रज्ञानन्दा ने सफेद मोहरों से शानदार वापसी करते हुए भारत के शीर्ष खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी पर जीत हासिल की। इस हार के साथ अर्जुन चंद रेटिंग गंवाकर शीर्ष स्थान से खिसककर दूसरे स्थान पर आ गए हैं। भारत के ही अरविंद चितांबरम के लिए उज़चेस कप काफी खराब साबित हो रहा है और कल हुए मुक़ाबले में भी उन्हें हंगरी के रिचर्ड रैपोर्ट के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले खेले गए अपने दोनों ही सुपर ग्रांडमास्टर टूर्नामेंट में अरविंद ने शानदार जीतें हासिल की थीं और वह उज़चेस कप को जल्द से जल्द भुलाकर आगे बढ़ना चाहेंगे। अन्य मुक़ाबले में उज़्बेकिस्तान के शाम्सिद्दिन वोखिदोव ने अपनी पहली जीत ईरान के परहम मघसूदलू पर हासिल की। वहीं इयान नेपोमनिशी अभी भी अपनी पहली जीत की तलाश में हैं और लगातार 6 ड्रॉ के बाद उनकी कल की बाज़ी भी ड्रॉ रही। इसी ड्रॉ के साथ नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव ने आधे अंक की बढ़त बनाए रखी है।
अंतिम मुक़ाबला दोनों ही उज़्बेक खिलाड़ियों नोदिरबेक याकुब्बोएव और जावोखिर सिंदारोव के बीच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
प्रज्ञानन्दा ने सफेद मोहरों से खेलते हुए अर्जुन पर शानदार जीत हासिल की। इससे पहले हुए आपसी मुकाबलों में जहाँ दोनों खिलाड़ियों के बीच का स्कोर बराबर था, वहीं यह बाज़ी जीत कर प्रज्ञानन्दा ने आपसी भिड़ंत में बढ़त बना ली है।
खेल की 13वीं ही चाल पर अर्जुन ने पोज़ीशन को खुलवाना तो चाहा, पर प्रज्ञानन्दा ने इसी का फ़ायदा उन्हीं के ख़िलाफ़ उठा लिया और चंद चालों बाद ही अर्जुन के मोहरे अस्त-व्यस्त नज़र आए और मात्र 29 चालों में यह खेल प्रज्ञानन्दा ने अपने नाम कर लिया। इसी जीत के साथ वह अभी भी प्रतियोगिता से बाहर नहीं हुए हैं और अंतिम चक्र में उन्हें प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर चल रहे नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव से काले मोहरों से बाज़ी खेलनी है। यह बाज़ी दर्शकों के लिए काफ़ी रोमांचक और देखने लायक़ होगी।
अरविंद चितांबरम और रिचर्ड रैपोर्ट की बाज़ी भी लगभग एकतरफ़ा रही और मिडल गेम में अरविंद अपने राजा की तरफ़ बढ़ते हुए रैपोर्ट के प्यादों को रोक नहीं पाए और अपने राजा को कमजोर स्थिति में पाया। और 42वीं चाल पर रैपोर्ट ने अपने हाथी से अरविंद का घोड़ा मार गिराकर जीत सुनिश्चित कर ली। अन्य निर्णायक मुक़ाबले में प्रतियोगिता के सबसे कम रेटेड खिलाड़ी शाम्सिद्दिन वोखिदोव ने ईरान के परहम मघसूदलू पर काले मोहरों से जीत हासिल की। परहम ने लगातार काफ़ी बड़ी ग़लतियाँ कीं और उन्होंने अपने राजा को भारी संकट में पाया। शाम्सिद्दिन की यह इस प्रतियोगिता की पहली जीत है।
दोनों ही उज़्बेकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच हुई बाज़ी ड्रॉ रही और जावोखिर सिंदारोव और नोदिरबेक याकुब्बोएव ने आधा-आधा अंक साझा किया।
प्रतियोगिता में शीर्ष पर चल रहे नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव ने काले मोहरों से खेलते हुए इयान नेपोमनिशी की रुई लोपेज़ ओपनिंग के ख़िलाफ़ मॉर्फ़ी डिफ़ेन्स खेलना उचित समझा और एक मज़बूत ड्रॉ अपने नाम किया। दोनों ही खिलाड़ियों ने चालें दोहरा कर आधा-आधा अंक साझा किया। इस ड्रॉ के साथ अब्दुसत्तोरोव अभी भी प्रतियोगिता को जीतने के सबसे क़रीब खड़े हैं, पर उनका अंतिम मुक़ाबला भारत के प्रज्ञानन्दा से है।