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"जयपुर कलर रन" जब शतरंज में मिले कई रंग !

by पुष्पेन्द्र कुमार चौधरी - 04/03/2018

होली भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है पिछले कुछ वर्षो में हमारी इस सांस्कृतिक और सामाजिक मेलजोल का संदेश देने वाले इस उत्सव को बचाने के कई नवीन प्रयास आरंभ हुए है और जयपुर शहर में होने वाला कलर रन इसी में से एक प्रयास है । खैर जयपुर में होने वाले इस उत्सव में दो वर्षो से कुछ अलग हो रहा है जी हाँ जयपुर के  चैस पैरेन्ट्स एसोसिएशन राजस्थान एवं आॅल राजपूताना चैस एसोसिएशन द्वारा आयोजित "कलर रन फोर चैस " में राज्य के विभिन्न हिस्सो से शतरंज खिलाड़ी मिलकर दे रहे है एक अनोखा संदेश , रंगोत्सव का यह अवसर शतरंज के प्रचार प्रसार के माध्यम के साथ साथ शतरंज खिलाड़ियों को एक मंच में लाने का एक अनोखा प्रयास है । पढे जयपुर से पुष्पेन्द्र कुमार चौधरी का यह लेख 

1 मार्च 2018 ,फागुन का महिना , होली का त्यौहार और गुलाबी नगर, साधारणतया गुलाबी नगर की गुलाबी सुबह आज सिर्फ गुलाबी नही थी । हमेशा सफेद और काले खानो मे खेलने वाले शतिर आज सभी रंगो में डूूब जाना चाहते थे। मौका था चैस पैरेन्ट्स एसोसिएशन राजस्थान एवं आॅल राजपूताना चैस एसोसिएशन द्वारा आयोजित कलर रन फोर चैस का

सभी शतरंज खिलाड़ी और उनके अभिभावक शतरंज के काले सफ़ेद खानो की बनी पट्टियों को गले ,हाथ या कमर में बांधे अलग ही नजर आ रहे थे  

जयपुर कलर रन के दूसरा संस्करण 

प्रथम संस्करण की सुखद स्मृतियो के कारण अतिउत्साहित शातिर रात भर सो नही पाये एवं 30-40 किलोमीटर दूर होने के बावजूद भी सुबह 6 बजे से ही एआरजी पुरम मेे एक़ित्रत होने लगे ।

प्रातः 7 बजे तक जयपुर एव अन्य जिलो से सैकडो शतरंज के दिवाने जयपुर के एआरजी पुरम मे जमा हो चुके थे। 8 स्टेप स्टूडियो के अंतर्राष्ट्रीय जुम्बा प्रमाणित ट्रेनर समर सिंह मक्कड ने सभी शतिरो को रन के पहले वार्मअप हेतु जुम्बा करवाया - उद्देष्य था "शरतंज के खिलाडियो को फिटनेस के प्रति जागरूक करने का "

देखे ये विडियो और आप भी आनंद उठाए इस उत्सव का 

वार्मअप के पश्च्यात सभी ने एक दूसरे पर रंग लगाकर होली खेली जब चेहरे पर रंग लगता है तो आपकी पहचान छुप जाती है , एवं सभी एक रंग मे नजर आने लगते है । सबक यह मिलता है कि अगर हम अपने अहंकार (अपनी पहचान) को मिटा दे तो सभी एक ही है । होली खेलकर कर हम अपने संबधो का नवीनीकरण करते है।

होली संदेश देती है कि "हम भिन्न -भिन्न होकर भी एक है" 

शतरंज खिलाड़ियों की टोली नगर भ्रमण के दौरान 

होली खेलने के बाद सभी ने दौडना प्रारम्भ किया - संदेश देना था कि "जब एक नई शुरूआत हुई है तो रूकना नही है " 

दौड के बाद विश्राम करते हुए

शातिर शतरंज के छोटे छोटे शतिरो को यह संदेश कि "किसी भी कार्य के बाद थोडा सा विश्राम जीवन मे अगली यात्रा के लिये नई उर्जा का संचार करता है " 

होलिका दहन सांयकाल सबने मिलकर होलिका दहन किया:- अग्नि की प्रकृति है सबको पवित्र करना एवं अग्नि के साथ कुछ भी उपाय करो, उसकी लपटें सदा ऊपर की तरफ भागती हैं। ऊध्र्वगमन का प्रतीक है अग्नि जब हम भी अग्नि की तरह पवित्र होंगे उपर की और ही हमारी प्रगति होगी। इसके विपरित होलिका की तरह जो व्यक्ति सांसारिक बुराईयो मे जलता है उसे बचाने वाला कोई नही।

कलर रन की सुखद स्मृतिया

 

आप इस रंगोत्सव की सभी तस्वीरे यहाँ पर देख सकते है 

 

लेखक !

होली के इस उत्सव को अपने परिवार के साथ मनाते लेखक 

पुष्पेन्द्र कुमार चैधरी चैस पेरन्ट्स एसोसिएषन के सचिव एवं आॅल राजपूताना चैस एसोसिएषन के कोषाध्यक्ष एवं शतरंज के रेटेड खिलाडी है एवं कई प्रकार की सामाजिक संस्थाओ में ट्स्टी एवं पदाधिकारी है।